12/05/2025 | Press release | Distributed by Public on 12/05/2025 06:09
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय पूरे देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता(एआई) का लाभ प्राप्त कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य में एआई-आधारित समाधानों के विकास और उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयूर्विग्यान संस्थान(एम्स), पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ और अखिल भारतीय आयूर्विग्यान संस्थान(एम्स) ऋषिकेश को'कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए उत्कृष्टता केंद्र(सीओई)' के रूप में नामित किया है।
मंत्रालय ने विभिन्न एआई परियोजनाओं के लिए केंद्रीय क्षय रोग प्रभाग, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, सीडैक-मोहाली, आईसीएमआर, एमईआईटीवाई, उच्च शिक्षा मंत्रालय, भारतीय विज्ञान संस्थान(आईआईएससी) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र जैसे प्रमुख संगठनों के साथ सहयोग किया है। मंत्रालय ने तीनों सीओई को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए वाधवानी एआई के साथ भी सहयोग किया है। मंत्रालय ने एआई समाधान विकसित किए हैं, जिनमें ई-संजीवनी में क्लिनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम(सीडीएसएस), डायबिटिक रेटिनोपैथी(डीआर पहचान समाधान) शामिल हैं।
मधुनेत्रएआई(डायबिटिक रेटिनोपैथी पहचान समाधान) एक एआई समाधान है जिसे गैर-विशेषज्ञ स्वास्थ्य कर्मियों को डायबिटिक रेटिनोपैथी की जांच करने में सक्षम बनाने के लिए विकसित किया गया है। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके रेटिना फंडस छवियों का विश्लेषण करके डायबिटिक रेटिनोपैथी का पता लगाने को स्वचालित करता है, जिससे मानकीकृत, सुलभ और कुशल ट्राइएज सुनिश्चित होता है। यह मानक श्रेणियों में डायबिटिक रेटिनोपैथी को वर्गीकृत करता है, जिससे विशेषज्ञ रेफरल के लिए तत्काल मामलों को प्राथमिकता देकर अनुकूलित संसाधन आवंटन संभव होता है। इस समाधान को11 राज्यों में38 सुविधाओं में लागू किया गया है और14,000 से अधिक रेटिना छवियों की जांच के दौरान एआई सहायता प्रदान की गई है, जिससे7,100 रोगियों को लाभ हुआ है।
'क्लिनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम' (सीडीएसएस) एआई समाधान को राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म, ई-संजीवनी में एकीकृत किया गया है, ताकि रोगी की शिकायतों की प्रविष्टि को सुव्यवस्थित करके और एआई-आधारित विभेदक निदान सिफारिशें प्रदान करके परामर्श की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके। अप्रैल2023 में सीडीएसएस एकीकरण के बाद से नवंबर2025 तक, 282 मिलियन ई-संजीवनी परामर्शों को मानकीकृत डेटा कैप्चर से लाभ हुआ है, जिससे स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में एकरूपता सुनिश्चित हुई है।
क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत, सामुदायिक परिवेश में फुफ्फुसीय टीबी की जांच के लिए'टीबी के विरुद्ध खांसी' (सीएटीबी) एआई समाधान का उपयोग किया जाता है। लागू किए गए भौगोलिक क्षेत्रों में, इस समाधान ने पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके रोगी की जांच की तुलना में टीबी की रिपोर्ट में12-16 प्रतिशत की अतिरिक्त उपज दिखाई है। मार्च 2023 और30 नवंबर2025 के बीच, 1.62 लाख से अधिक व्यक्तियों की जांच के लिए सीएटीबी समाधान का उपयोग किया गया है।
लागू मानकों और सरकारी नीतियों का सख्त पालन, जिसमें इलैक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय(एमईआईटीवाई) द्वारा एआई गवर्नेंस दिशानिर्देश, आईसीएमआर द्वारा बायोमेडिकल रिसर्च और हेल्थकेयर में एआई के अनुप्रयोग के लिए नैतिक दिशानिर्देश, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम2000, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम2023, और इसके तहत बनाए गए नियम तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा हेल्थकेयर के लिए सूचना सुरक्षा नीति शामिल हैं और यह उच्च परिचालन विश्वसनीयता सुनिश्चित करता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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