12/17/2025 | Press release | Distributed by Public on 12/17/2025 03:43
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने आज डॉ. आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष2014 से दिसंबर, 2025 के बीच प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण, संवर्धन और वैश्विक प्रस्तुति की दिशा में व्यापक एवं बहुआयामी पहलें की हैं। इन प्रयासों ने भारत की सांस्कृतिक पहचान को पुनर्स्थापित करने के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरव और आत्मविश्वास को भी सुदृढ़ किया है।
उन्होंने बताया कि इन पहलों के अंतर्गत ऐतिहासिक एवं विरासत स्थलों का जीर्णोद्धार, आधुनिक अवसंरचना का विकास, प्राचीन पांडुलिपियों एवं कलाकृतियों का डिजिटलीकरण, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक सहयोग को सशक्त करना तथा भारत की आध्यात्मिक परंपराओं को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करना प्रमुख रूप से शामिल रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने प्रेस को बताया कि इस अवधि में देश के प्रमुख मंदिरों और तीर्थ स्थलों के पुनर्विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। इनमें काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, वाराणसी; उज्जैन में महाकाल लोक परियोजना; असम का माँ कामाख्या मंदिर; उत्तर प्रदेश में श्रीराम मंदिर, अयोध्या; उत्तराखंड का केदारनाथ मंदिर; गुजरात में जूना सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण तथा सोमनाथ क्षेत्र में संग्रहालय एवं विरासत विकास शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से श्रद्धालुओं की सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि तीर्थ स्थलों तक बेहतर संपर्क सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चार धाम राजमार्ग परियोजना, हेमकुंड साहिब रोपवे, बौद्ध सर्किट विकास तथा करतारपुर साहिब कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया गया है, जिससे देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम यात्रा सुविधा प्राप्त हुई है।
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि विरासत आधारित विकास को गति देने के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रसादयोजना(तीर्थयात्रा पुनरुद्धार एवं आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान) लागू की गई है, जिसके अंतर्गत चिन्हित धार्मिक एवं विरासत स्थलों पर पर्यटन अवसंरचना विकास हेतु राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत अब तक28 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में54 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
इसके साथ ही स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत विषयगत पर्यटन सर्किटों के विकास के लिए5,290.30 करोड़ रुपये की लागत से76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया किHRIDAY योजना(राष्ट्रीय धरोहर शहर विकास एवं संवर्धन योजना), जिसे21 जनवरी2015 को प्रारंभ किया गया, का उद्देश्य शहरी नियोजन, आर्थिक विकास और धरोहर संरक्षण को एक समावेशी ढांचे में एकीकृत करना है।
केंद्रीय मंत्री ने प्रेस को अवगत कराया कि इन पहलों के सकारात्मक प्रभाव के रूप में पर्यटन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। जून2025 तक भारत में आने वाले पर्यटकों की संख्या16.5 लाख रही, जबकि भारत से बाहर जाने वाले पर्यटकों की संख्या84.4 लाख रही। इस गतिविधि से51,532 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा आय हुई। उन्होंने बताया कि भारत के आव्रजन ब्यूरो के अनुसार वर्ष2023 में95.2 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए, जो वर्ष2022 की तुलना में47.9 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि भारत सरकार द्वारा खोई हुई सांस्कृतिक विरासत को वापस लाने के लिए निरंतर प्रयास किए गए हैं। वर्ष1976 से अब तक विभिन्न देशों से कुल655 प्राचीन वस्तुएँ सफलतापूर्वक भारत लाई गई हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(ASI) ने1976 से2023 के बीच विदेशी देशों से357 प्राचीन वस्तुएं प्राप्त की हैं, जिनमें से344 वस्तुएं वर्ष2014 के बाद प्राप्त की गई हैं।
डॉ. कुमार ने बताया कि राष्ट्र निर्माताओं और राष्ट्रीय स्मृति को सम्मान देने के उद्देश्य से कई प्रतिष्ठित स्मारकों और संस्थानों का विकास किया गया है, जिनमें स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, केवड़िया; इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक; डॉ. भीमराव अंबेडकर पंचतीर्थ; कोचरब आश्रम, साबरमती; प्रधानमंत्री संग्रहालय; राष्ट्रीय युद्ध स्मारक; राष्ट्रीय पुलिस स्मारक; जलियांवाला बाग स्मारक; आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय; भारत मंडपम तथा नया संसद भवन शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि'एकभारत, श्रेष्ठ भारत' पहल के माध्यम से विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक परंपराओं के बीच आपसी समझ को सुदृढ़ किया गया है, जिससे राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समरसता को बल मिला है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित WAVES 2025(1-4 मई, मुंबई) मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र का विश्व का पहला वैश्विक अभिसरण शिखर सम्मेलन रहा। इस सम्मेलन में100 से अधिक देशों की भागीदारी रही, एक लाख से अधिक आगंतुक शामिल हुए, 77 देशों द्वाराWAVES घोषणा पत्र को अपनाया गया तथा1,300 करोड़ रुपये से अधिक के व्यापारिक सौदे, निवेश और स्टार्ट-अप सहयोग दर्ज किए गए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया, जिसे177 देशों का समर्थन प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि योग दिवस के माध्यम से भारत की प्राचीन योग परंपरा को वैश्विक पहचान मिली और वर्ष2025 में भारत सहित191 देशों में व्यापक स्तर पर योग कार्यक्रम आयोजित किए गए।
उन्होंने आगे बताया कि आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहयोग, उच्च गुणवत्ता अनुसंधान, अकादमिक चेयर, आयुष पीठ तथा वैश्विक संस्थागत समर्थन जैसी पहलें की गई हैं, जिससे भारत समग्र स्वास्थ्य सेवा के वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा है।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि भारत में वर्तमान में44 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें36 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और1 मिश्रित स्थल शामिल हैं। वर्ष2014 के बाद14 नए विश्व धरोहर स्थल जोड़े गए हैं, जिससे भारत विश्व में छठे और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है। इसके अतिरिक्त16 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत तत्व यूनेस्को सूची में शामिल किए गए हैं। दीपावली(2025) को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में तथा भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र(2025) को यूनेस्को विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल किया गया है। विश्व स्मृति रजिस्टर में भारत की कुल13 प्रविष्टियाँ दर्ज हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत ने8 से13 दिसंबर2025 के दौरान नई दिल्ली के लाल किले में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संरक्षण अंतर-सरकारी समिति के20वें सत्र की मेजबानी की, जिससे सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में भारत की वैश्विक नेतृत्व भूमिका और सुदृढ़ हुई।
संस्कृति मंत्रालय की ज्ञान भारतम पहल(2025) के अंतर्गत भारत की पांडुलिपि विरासत का संरक्षण, डिजिटलीकरण और वैश्विक प्रसार किया जा रहा है और अब तक लगभग3.5 लाख पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वंदे मातरम् के150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर1 अक्टूबर2025 से देशव्यापी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनके अंतर्गत13 दिसंबर2025 तक1.65 करोड़ नागरिकों द्वारा वंदे मातरम् का सामूहिक गायन रिकॉर्ड किया गया। वर्ष2025 में राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रमुख प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें वियतनाम, थाईलैंड, भूटान और मंगोलिया सहित अंतरराष्ट्रीय सहभागिता रही।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय और उसके अधीन संगठनों द्वारा भारतश्री, जनन सॉफ्टवेयर, अभिलेख पोर्टल, मेरा गांव, मेरा धरोहर तथा राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन/IGNCA के माध्यम से पांडुलिपियों, शिलालेखों, कलाकृतियों और सांस्कृतिक दस्तावेजों का व्यापक डिजिटलीकरण किया गया है। विज्ञान संस्कृति संवर्धन योजना के अंतर्गत आम जनता और छात्रों में वैज्ञानिक सोच और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जुलाई2025 तक देश भर में27 विज्ञान केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष2025 में ब्रिक्स संस्कृति मंत्रियों की बैठक तथा मॉन्डियाकल्ट2025, बार्सिलोना में भारत की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से वैश्विक सांस्कृतिक नेतृत्व को सुदृढ़ किया गया है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ प्राचीन धार्मिक, कलात्मक और स्थापत्य संबंधों कोIGNCA औरASI के माध्यम से संरक्षण, शोध और प्रदर्शनियों द्वारा मजबूत किया गया है, जबकि उन्मेषा2025 में100 से अधिक भाषाओं के लेखकों और15 देशों के प्रतिनिधियों के साथ अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संवाद को बढ़ावा दिया गया।
प्रेस वार्ता के समापन पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष2014 से2025 के बीच की गई ये पहलें भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण की सशक्त आधारशिला हैं और आने वाले वर्षों में भारत को वैश्विक सांस्कृतिक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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के. वी/ एच. के