Ministry of Heavy Industries of the Republic of India

12/11/2025 | Press release | Distributed by Public on 12/11/2025 03:52

भारतीय रेल ने मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों से टिकट आरक्षण प्रणाली को और भी दुरूस्त किया

रेल मंत्रालय

भारतीय रेल ने मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों से टिकट आरक्षण प्रणाली को और भी दुरूस्त किया


जनवरी 2025 से अब तक 3.02 करोड़ संदिग्ध यूजर आईडी निष्क्रिय; प्रामाणिक टिकट बुकिंग के लिए एंटी-बॉट उपाय लागू

ऑनलाइन तत्काल टिकट बुकिंग के लिए 322 रेलगाड़ियों और आरक्षण काउंटरों पर 211 रेलगाड़ियों में आधार-आधारित ओटीपी सत्यापन लागू

96 लोकप्रिय रेलगाड़ियों में से 95 प्रतिशत रेलगाड़ियों में तत्काल टिकट की उपलब्धता का समय बढ़ाया गया

प्रविष्टि तिथि: 11 DEC 2025 2:12PM by PIB Delhi

भारतीय रेल की आरक्षण टिकट बुकिंग प्रणाली एक मज़बूत और अत्यधिक सुरक्षित आईटी प्लेटफ़ॉर्म है जो उद्योग-मानकऔर अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा नियंत्रणों से सुसज्जित है। भारतीय रेल ने आरक्षण प्रणाली के प्रदर्शन और नियमित/तत्काल टिकटों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं। इन उपायों में निम्नलिखित शामिल हैं:

1. उपयोगकर्ता खातों का कड़ा पुनर्मूल्यांकन और सत्यापन किया गया है। जनवरी 2025 से अब तक लगभग 3.02 करोड़ संदिग्ध उपयोगकर्ता आईडी निष्क्रिय कर दी गई हैं।

2. अकामाई जैसे एंटी-बॉट समाधानों को फर्जी उपयोगकर्ताओं को हटाने और वैध यात्रियों के लिए सुचारू बुकिंग सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है।

3. तत्काल बुकिंग में दुरुपयोग को रोकने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए, ऑनलाइन तत्काल टिकट बुकिंग हेतु आधार आधारित वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) सत्यापन को चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया है। 4 दिसंबर 2025 तक यह सुविधा 322रेलगाड़ियों में पहले से ही मिल रही है। उपरोक्त उपायों के परिणामस्वरूप, उपर्युक्त 322रेलगाड़ियोंमें से लगभग 65प्रतिशत रेलगाड़ियोंमें तत्काल टिकट की उपलब्धता का समय बढ़ गया है।

4. आरक्षण काउंटरों पर तत्काल बुकिंग के लिए आधार-आधारित ओटीपी को भी चरणबद्ध तरीके से शुरू किया गया है और 04.12.2025 तक इसे 211रेलगाड़ियोंमें लागू किया गया है।

5. इन और अन्य उपायों के परिणामस्वरूप, 96 लोकप्रिय रेलगाड़ियोंमें से लगभग 95प्रतिशत रेलगाड़ियोंमें तत्काल टिकट की उपलब्धता का समय बढ़ गया है।

6. संदिग्ध रूप से बुक किए गए पीएनआर के संबंध में राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर शिकायतें दर्ज की गई हैं।

7. साइबर खतरों से सिस्टम की सुरक्षा के लिए नेटवर्क फ़ायरवॉल, घुसपैठ रोकथाम प्रणाली, एप्लिकेशन डिलीवरी कंट्रोलर और वेब एप्लिकेशन फ़ायरवॉल जैसी कई सुरक्षात्मक परतों का उपयोग किया गया है। यह सिस्टम एक समर्पित, एक्सेस-नियंत्रित डेटा सेंटर में लगाया गया है, जो सीसीटीवी निगरानी और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से सुरक्षित है। डेटा सेंटर आईएसओ 27001 सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (आईएसएमएस) मानकों के अंतर्गत प्रमाणित है।

साइबर सुरक्षा को और मज़बूत बनाने के लिए, रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड व्यापक साइबर ख़तरा ख़ुफ़िया सेवाएं प्रदान करता है, जिनमें टेक-डाउन सेवाएं, ख़तरा निगरानी, ​​डीप और डार्क वेब निगरानी और डिजिटल जोखिम सुरक्षा शामिल हैं। ये सेवाएं उभरते साइबर ख़तरों के बारे में सक्रिय और कार्रवाई योग्य जानकारी प्रदान करती हैं और बेहतर घटना प्रतिक्रिया को संभव बनाती हैं।

8. आरक्षण प्रणाली की नियमित सुरक्षा जांच सीईआरटी-इन सूचीबद्ध सूचना सुरक्षा लेखापरीक्षा एजेंसियां करती हैं। इसके अतिरिक्त, साइबर हमलों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए सीईआरटी-इन और राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (एनसीआईआईपीसी) टिकट प्रणाली से संबंधित इंटरनेट यातायात की निरंतर निगरानी करती है।

इसके अतिरिक्त, रेलवे बोर्ड, क्षेत्रीय रेलवे, मंडल कार्यालय आदि विभिन्न स्तरों पर जन प्रतिनिधियों/संगठनों/रेल उपयोगकर्ताओं आदि से औपचारिक और अनौपचारिक दोनों प्रकार के अनुरोध/सुझाव/प्रतिनिधित्व प्राप्त होते रहते हैं। चूंकि ऐसे अनुरोध/सुझाव/प्रतिनिधित्व की प्राप्ति एक सतत और गतिशील प्रक्रिया है, इसलिए इनका कोई केंद्रीकृत संकलन नहीं रखा जाता है। हालांकि, इनकी समय-समय पर जांच की जाती है और व्यवहार्य एवं उचित पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है, जो एक निरंतर प्रक्रिया है।

यह जानकारी रेल. सूचना एवं प्रसारण मंत्री और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/एसकेएस/जीआरएस


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