Prime Minister’s Office of India

12/15/2025 | Press release | Distributed by Public on 12/14/2025 23:29

प्रधान मंत्री ने एक संस्कृत श्लोक का उल्लेख करते हुए सच्चे सुख के मार्ग के रूप में आत्मनिर्भरता के सार पर बल दिया

प्रधानमंत्री कार्यालय

प्रधान मंत्री ने एक संस्कृत श्लोक का उल्लेख करते हुए सच्चे सुख के मार्ग के रूप में आत्मनिर्भरता के सार पर बल दिया

प्रविष्टि तिथि: 15 DEC 2025 8:41AM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उस शाश्वत भारतीय ज्ञान पर प्रकाश डाला, जो आत्म-अनुशासन और आत्म-निर्भरता को व्यक्ति तथा राष्ट्र की प्रगति के केंद्र में रखता है।

एक शास्त्रीय संस्कृत सूक्ति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पर-निर्भरता से कष्ट उत्पन्न होता है, जबकि अपने कर्मों पर नियंत्रण से स्थायी सुख की प्राप्ति होती है।

एक्‍स पर एक पोस्‍ट में श्री मोदी ने संस्‍कृत में लिखा:

"सर्वं परवशं दुःखं सर्वमात्मवशं सुखम्।

एतद् विद्यात् समासेन लक्षणं सुखदुःखयोः॥"

सर्वं परवशं दुःखं सर्वमात्मवशं सुखम्।

एतद् विद्यात् समासेन लक्षणं सुखदुःखयोः॥ pic.twitter.com/519XHslFd4

- Narendra Modi (@narendramodi) December 15, 2025

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पीके/केसी/पीके


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