11/01/2025 | Press release | Distributed by Public on 11/01/2025 07:25
प्रधानमंत्री - दिल की बात करनी है, कौन करेगा?
नन्हें लाभार्थी- मैं हॉकी की चैंपियन हूं, मैंने हॉकी में 5 मेडल जीते हैं, मेरे स्कूल में मेरी जांच हुई थी तो मुझे पता चला था कि स्कूल में कि मेरे दिल में छेद हैं, तो मैं यहां पर आई, तो मेरा ऑपरेशन हुआ, तो यहां पर मैं अब खेल पाती हूं हॉकी।
प्रधानमंत्री - बेटे आपका ऑपरेशन कब हुआ?
नन्हें लाभार्थी- अभी हुआ 6 महीने पहले।
प्रधानमंत्री - और पहले खेलती थी?
नन्हें लाभार्थी - हां।
प्रधानमंत्री - अभी भी खेलती हो?
नन्हें लाभार्थी - हां।
प्रधानमंत्री - आगे क्या करना चाहती हो?
नन्हें लाभार्थी - डॉक्टर बनना चाहती हूं।
प्रधानमंत्री - डॉक्टर बनोगी, डॉक्टर बनकर क्या करोगी?
नन्हें लाभार्थी - सभी बच्चों का इलाज करूंगी।
प्रधानमंत्री - सिर्फ बच्चों का करोगी?
नन्हें लाभार्थी - सभी का।
प्रधानमंत्री - तुम जब डॉक्टर बनोगी, तब हम बूढ़े बन जाएंगे तो हमारा कुछ करोगे कि नहीं?
नन्हें लाभार्थी - करूंगी।
प्रधानमंत्री - पक्का।
नन्हें लाभार्थी - हां पक्का।
प्रधानमंत्री - चलिए।
नन्हें लाभार्थी - मैंने सोचा ही नहीं था कि मैं कभी इनसे मिल पाऊंगी, आज पहली बार मिली, मुझे बहुत अच्छा लगा।
नन्हें लाभार्थी - मेरा ऑपरेशन अभी एक साल पहले हुआ है और मैं बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हूं और सभी का इलाज करना चाहती हूं।
प्रधानमंत्री - अच्छा रोना कब आया था?
नन्हें लाभार्थी - रोना नहीं आया।
प्रधानमंत्री - डॉक्टर तो बता रहे थे कि तुम बहुत रोती थी।
नन्हें लाभार्थी - डॉक्टर ने कब बताया, नहीं बताया।
प्रधानमंत्री - नहीं।
नन्हें लाभार्थी - आपको एक स्पीच सुनाना चाहती हूं।
प्रधानमंत्री - हां बोलो- बोलो।
नन्हें लाभार्थी - मंजिल से आगे बढ़कर मंजिल तलाश कर, मिल जाए तुझको दरिया तो समुंदर तलाश कर, हर शीशा टूट जाता है पत्थर की चोट से, पत्थर भी टूट जाए वो शीशा तलाश कर। सजदों से तेरे क्या हुआ सदियाँ गुजर गई, सजदों से तेरे क्या हुआ सदियाँ गुजर गई, सजदा वो कर जो तेरी जिंदगी बदल दे, सजदा वो कर जो तेरी जिंदगी बदल दे।
प्रधानमंत्री - वाह वाह वाह।
नन्हें लाभार्थी - मेरा 2014 में ऑपरेशन हुआ था, तब मैं 14 महीने का था, अब मैं बिल्कुल स्वस्थ हूं और मैं क्रिकेट में बहुत।
प्रधानमंत्री - अच्छा रेगुलर चेकअप कराते हो, क्योंकि अब आपको 11 साल हो गए हैं आपका ऑपरेशन किए?
नन्हें लाभार्थी - यस सर।
प्रधानमंत्री - तो रेगुलर चेकअप कराते हो?
नन्हें लाभार्थी - यस सर।
प्रधानमंत्री - अभी कोई तकलीफ नहीं है
नन्हें लाभार्थी - नो सर
प्रधानमंत्री - खेलते हैं
नन्हें लाभार्थी - यस सर।
प्रधानमंत्री - क्रिकेट खेलते हैं
नन्हें लाभार्थी - यस सर।
नन्हें लाभार्थी - मुझे आपसे मिलना है मैं आ सकता हूं 2 मिनट।
प्रधानमंत्री - पास आना है, आइए।
प्रधानमंत्री - कैसा लगता था जब अस्पताल में आना पड़ा, तो दवाइयां खानी पड़ती थी, इंजेक्शन लगाते होंगे, कैसा लगता था?
नन्हें लाभार्थी - सर मुझे इंजेक्शन से डर भी नहीं लगता था इसलिए मेरे को अच्छे से ऑपरेशन हुआ, मेरे को डर भी नहीं लगा।
प्रधानमंत्री - हां अच्छा, तो आपके टीचर क्या बोलते हैं?
नन्हें लाभार्थी - मेरे टीचर बोलते हैं, तुम पढ़ाई में अच्छी हो, पर थोड़ा-थोड़ा अटकती हो।
प्रधानमंत्री - अच्छा यह है, लेकिन आप सच बोल रहे हैं सच बोलने का आपको बहुत फायदा होगा।
नन्हें लाभार्थी - मैं कक्षा सातवीं में पढ़ती हूं, मेरा ऑपरेशन!
प्रधानमंत्री - सातवीं में पढ़ती हो बेटा?
नन्हें लाभार्थी - यस सर!
प्रधानमंत्री - तो आप खाती नहीं हो?
नन्हें लाभार्थी - सर खाते हैं।
प्रधानमंत्री - टीचर का सर खाती रहती हो, अच्छा बताइए।
नन्हें लाभार्थी - मेरा ऑपरेशन 2023 में हुआ था और मैं बड़ी होकर टीचर बनना चाहती हूं, क्योंकि टीचर बनने से हमारे जो गरीब बच्चे होते हैं या फिर उनको आगे बढ़ाने के लिए उनको फ्री में पढ़ाना चाहती हूं और पढ़ाई से हमारा देश आगे बढ़ता है।
प्रधानमंत्री - अच्छा आप सबको पता है, किसका शताब्दी वर्ष का यह महीना शुरू हुआ है? सत्य साईं बाबा का सौ साल। साईं बाबा ने बहुत साल पहले पुट पट्टी के आसपास पानी की बहुत किल्लत थी और खेत के लिए पानी तो नहीं था, पीने के लिए भी पानी की किल्लत थी, तो उन्होंने उस समय पानी के लिए इतना काम किया, करीब 400 गांव को पीने का पानी पहुंचाया। यानी किसी सरकार को भी इतना काम करना हो, तो कभी-कभी बहुत सोचना पड़ता है, और उसमें से हमारे लिए संदेश यह है, कि हमें पानी बचाना चाहिए, उसी प्रकार से पेड़ लगाने चाहिए। आपको मालूम है, मैं एक अभियान चलाता हूं- एक पेड़ मां के नाम। हर एक को अपनी मां अच्छी लगती है ना, तो मां के नाम हमें एक पेड़ लगाना चाहिए, अपनी मां के नाम। तो धरती मां का भी कर्ज चुकाते हैं, अपनी मां का भी कर्ज चुकाते हैं।
नन्हें लाभार्थी - मेरा नाम अभिक है, मैं वेस्ट बंगाल से हूं, मुझे बड़े होकर आर्मी बनना है और मुझे देश की सेवा करनी है।
प्रधानमंत्री - देश की सेवा करोगे?
नन्हें लाभार्थी - हां
प्रधानमंत्री - पक्का?
नन्हें लाभार्थी - हां
प्रधानमंत्री - क्यों करोगे?
नन्हें लाभार्थी - क्योंकि देश के सिपाही हमारी रक्षा करते हैं, मैं भी रक्षा करना चाहता हूं!
प्रधानमंत्री - वाह वाह वाह।
नन्हें लाभार्थी - मैं हाथ मिलाना चाहता हूं।
नन्हें लाभार्थी - मेरा सपना था आपसे मिलने का।
प्रधानमंत्री - अच्छा, कब सपना आया था, आज को आया था कि पहले आया था?
नन्हें लाभार्थी - बहुत पहले था।
प्रधानमंत्री - जानती थी मुझे?
नन्हें लाभार्थी - न्यूज़ में आपको देखा था।
नन्हें लाभार्थी - प्रधानमंत्री न्यूज़ में पढ़ती देखती हो, अच्छा। चलिए बहुत अच्छा लगा मुझे आप सब से बात करके। अब आपको कोई भी अच्छा काम करना है, तो उसका साधन हमारा शरीर होता है, तो हमें अपना शरीर स्वस्थ रखना चाहिए, कुछ योगा करना, कुछ नियम से सोना, यह बहुत पक्का कर लेना चाहिए। इसके लिए आप लोगों को बहुत ध्यान रखना चाहिए। रखेंगे? पक्का रखेंगे? चलिए मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं आपको।
***
MJPS/ST/DK/RK